( अभी फेसबुक पर एक नोट के रूप में लवली गोस्वामी का राजा रवि वर्मा और उनके काम की पड़ताल करता यह महत्त्वपूर्ण आलेख पढ़ने को मिला. आवश्यकता महसूस हुई कि इसे नेट पर सामान्य रूप से उपलब्ध करना चाहिए. इसलिए उनकी अनुमति से यहां उस आलेख की अविकल प्रस्तु्ति की जा रही है. )
चित्रकार के प्रेम की अकथ कथा
किसी ऐसे चरित्र पर लिखना वाकई मुश्किल होता है जो आपको कहीं प्रभावित करता हो। मनोगतता, भावना अक्सर वस्तुगतता पर भारी पड़ती है और आप निरपेक्ष मूल्यांकन से चूक जाते हैं, इसी एक समस्या के कारन मैं राजा रवि वर्मा पर लिखने से हमेशा बचती रही हूँ । अधिक समय नही बीता है जब किसी फिल्म की वजह से राजा रवि वर्मा का नाम भारत की आम जनता तक पहुंचा, यहाँ मुझे कहना होगा कि हम भारतीय अपनी बौद्धिक सम्पदा को पहचानने और उसे सम्मान देने के मामले में…
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